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सच्ची प्रार्थना-मोटिवेशनल स्टोरी

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एक छोटा बच्चा था, बहुत ही नेक और बुद्धिमान था| एक दिन वो मंदिर में गया। मंदिर के अन्दर सभी भक्त, भगवान के मंत्र बोल रहे थे। कुछ भक्त स्तुतिगान भी कर रहे थे। कुछ भक्त संस्कृत के काफी कठिन श्लोक भी बोल रहे थे। बच्चे ने कुछ देर यह सब देखा और उसके चहेरे पर उदासी छा गयी। क्योंकि उसे यह सब प्रार्थना और मंत्र बोलना आता नहीं था। कुछ देर वहाँ खड़ा रहा उसने अपनी आँखे बन्द की, अपने दोनों हाथ जोड़े और बार-बार "क-ख-ग-घ" बोलने लगा। मंदिर के पुजारी ने यह देखा उसने लड़के से पूछा कि "बेटे तुम यह क्या कर रहे हो, बच्चे ने कहा भगवान की पूजा"। पुजारी ने कहा की "बेटे भगवान से इस तरह से प्रार्थना नहीं की जा सकती, तुम तो क-ख-ग-घ बोल रहे हो।”  पंडित पुजारी की कोई गलती भी नहीं क्योंकि उनकी तो पूजा भी रटी रटाई होती है। भाव का तो मिश्रण होता ही नहीं लेकिन बच्चा मासूम है, उसके पास शब्द तो थे नहीं सो भाव से क ख ग घ ही बोलने लगा। लड़के ने उत्तर दिया की "मुझे प्रार्थना, मंत्र, भजन नहीं आते, मुझे सिर्फ क-ख-ग-घ ही आती है। मुझे मेरे पिताजी ने घर में पढ़ाते वक्त यह बताया था कि सारे शब्द इसी क...

सशस्त्र सेना झंडा दिवस-विशेष

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  7 दिसंबर सेना और देश के लोगों के लिए काफी खास है, क्योंकि इस दिन भारतीय सेना अपना बहादुर सैनिकों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन संग्रह करती है | इस दिन को सशस्त्र सेना झंडा दिवस कहा जाता है, भारतीय सेना की तरफ से, संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों से लेकर आम जनता तक को भारतीय सेना का प्रतीक चिन्ह झंडा लगाकर उनसे यह अपेक्षा  की जाती है, कि वह सेना के जवानों के  कल्याण के लिए आर्थिक सहयोग करेंगे |  इस झंडे में शामिल लाल रंग, गहरे नीले रंग, हल्के नीले रंग की पट्टियाँ तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करती है | 1949 में पहली बार सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया, तब से लेकर आज तक यह सतत रूप से मनाया जाता है यह दिन देश के लोगों को यह अहसास कराता है कि देशवासी अपने देश के वीर सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, और हर मुश्किल में उनके साथ है|   इस दिन के तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य है  पहला उद्देश्य सेना के प्रति आभार व्यक्त करना,  दूसरा उद्देश्य युद्ध के दौरान हुई क्षति को कम करना तथा,  तीसरा उद्देश्य सेवानिवृत्त जवानों के परिवार कल्याण का कार्य करना|...

बैंक में निकली भर्तियां

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केनरा बैंक मैं 220 पदों पर रिक्तियों के लिए आवेदन आमंत्रित 15  दिसंबर 2020 तक कर सकते हैं आवेदन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक केनरा बैंक ने स्पेशलिस्ट ऑफिसर के 220 पदों पर भर्ती की अधिसूचना जारी की है, बैंक इस भर्ती के माध्यम से विभिन्न विभागों में स्केल फर्स्ट और स्केल सेकंड स्पेशलिस्ट ऑफिसर और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए स्केल सेकेंड और स्केल थर्ड स्पेशलिस्ट ऑफिसर पदों पर रिक्तियों की पूर्ति करेगा |  आवेदन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2020 है आवेदन के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें   Official Portal Apply Now आयु सीमा     आयु सीमा सभी पदों के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई है, कम से कम 18 वर्ष, अधिकतम आयु सीमा 38 वर्ष है जो इस आयु वर्ग के अभ्यर्थी हैं वह आवेदन कर सकते हैं|जाता शैक्षणिक योग्यता   इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग निर्धारित की गई है अतः पात्रता संबंधी जानकारी के लिए विस्तृत अधिसूचना आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें| ग्रेड पे जेएमजीएस-I - Rs. 23700 – 980/7 – 30560 – 1145/2 – 32850 – 1310/7 – 42020 एमएमजीएस-II - Rs. 31705 – 11...

कौन सा है दुनिया का सबसे महंगा तरल पदार्थ

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  आपने कभी ना कभी बिच्छू को तो जरूर देखा होगा, या देखा नहीं होगा तो बिच्छू के डंक के बारे में सुना जरूर होगा ! बिच्छू का जहर लगभग 3 करोड़ 90 लाख डॉलर प्रति गैलन या  लगभग 2877544800 ₹  प्रति गैलन ( एक गैलन लगभग 3.785 लीटर के बराबर होता है) की कीमत का है , यह दुनिया का सबसे महंगा तरल पदार्थ हैं|  बिच्छू अपने जहर का इस्तेमाल शिकारियों से बचने तथा अपने शिकार को अपंग करने व मारने में उपयोग करते हैं, लेकिन बिच्छू  की केवल 25 प्रजातियां हैं जिनमें जहर पाया जाता है| आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बिच्छू के जहर में भारी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो कि मनुष्य को होने वाले किसी भी तरह के दर्द से निजात दिलाने में सक्षम होता है| कई शोधों से पता चला है कि बिच्छू का जहर हड्डी के नुकसान को रोक सकता है जिससे यह पुराने संधिवात रोगों में जैसे ओस्टियोआर्थराइटिस जैसी स्थितियों में इलाज के लिए एक बहुत ही  उपयोगी पदार्थ बन जाता है| बिच्छू का ज़हर मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस), सूजन, आंत्र रोग और रुमेटीइड गठिया से पीड़ित लोगों के इलाज मे काम आता है|

बाड़मेर के रामसर में मिला 31 सालों से दफन रेलवे स्टेशन

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  राजस्थान  के रामसर में 31 सालों से  दफ़न रेलवे स्टेशन आंधियों के कारण फिर से दिखने लगा है, बाड़मेर-मुनाबाव रेलवे मार्ग पर बसे खड़ीन नामक गांव में यह स्टेशन आजादी से पहले बनाया गया था | समय के साथ यह स्टेशन पूरी तरह रेत में समा गया था, रेतीली आंधियों ने इसे पूरी तरह अपनी आगोश में ले लिया था फिर धीरे-धीरे आंधियों ने रेत को फिर से उड़ाना शुरू किया और स्टेशन की छत फिर से नजर आने लगी| 15 फीट ऊंचाई वाला रेलवे स्टेशन का भवन 1976 में रेत में दबना शुरू हुआ था और 1990 आते-आते पूरी तरह यह रेत में समा गया, इसके साथ साथ चार आवास भी रेत में समा गए | आजादी से पहले यहां जोधपुर से कराची और  सादीपल्ली पाकिस्तान तक ट्रेन चला करती थी, आजादी के बाद या बंटवारे के बाद यह रेल मार्ग बंद कर दिया गया|

लायक नालायक का फर्क -- प्रेरक कहानी

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  देर रात अचानक ही पिता जी की तबियत बिगड़ गयी। आहट पाते ही उनका नालायक बेटा उनके सामने था।माँ ड्राईवर बुलाने की बात कह रही थी, पर उसने सोचा अब इतनी रात को इतना जल्दी ड्राईवर कहाँ आ पायेगा ? यह कहते हुये उसने सहज जिद और अपने मजबूत कंधो के सहारे बाऊजी को कार में बिठाया और तेज़ी से हॉस्पिटल की ओर भागा।बाउजी दर्द से कराहने के साथ ही उसे डांट भी रहे थे  "धीरे चला नालायक, एक काम जो इससे ठीक से हो जाए।" नालायक बेटा बोला  "आप ज्यादा बातें ना करें बाउजी, बस तेज़ साँसें लेते रहिये, हम हॉस्पिटल पहुँचने वाले हैं।"  अस्पताल पहुँचकर उन्हे डाक्टरों की निगरानी में सौंप,वो बाहर चहलकदमी करने लगाबचपन से आज तक अपने लिये वो नालायक ही सुनते आया था।उसने भी कहीं न कहीं अपने मन में यह स्वीकार कर लिया था की उसका नाम ही शायद नालायक ही हैं ।तभी तो स्कूल के समय से ही घर के लगभग सब लोग कहते थे की नालायक फिर से फेल हो गया। नालायक को अपने यहाँ कोई चपरासी भी ना रखे।कोई बेवकूफ ही इस नालायक को अपनी बेटी देगा। शादी होने के बाद भी वक्त बेवक्त सब कहते रहते हैं की इस बेचारी के भाग्य फूटें थे जो इस नालायक...

नए संसद भवन का मोदी करेंगे शिलान्यास, जाने नए संसद भवन कि कुछ दिलचस्प बातें

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उन्हें नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में न्योता दिया, इसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि "संसद की इमारत नेट पत्थर की नहीं बल्कि 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं का भवन होगा इसके निर्माण में आने वाले 100 साल की जरूरतों पर ध्यान दिया जा रहा है" गौरतलब है कि 10 दिसंबर दोपहर 1:00 बजे प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन का शिलान्यास किया जाएगा इसके साथ ही नए संसद भवन का निर्माण  कार्य भी शुरू हो जाएगा |देश के आजादी के 75 साल यानी सन् 2022 में संसद के दोनों सदनों की बैठकें नये तथा अत्याधुनिक संसद भवन में होंगी और पुराने संसद भवन को देश की धरोहर में शामिल कर लिया जाएगा | नए संसद भवन के बारे में कुछ तथ्य 971 करोड की लागत का अनुमान है,  64500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला होगा यह भवन,  2020 अक्टूबर तक पूरा बनकर तैयार हो जाएगा नया संसद भवन,  नवंबर-दिसंबर  2022 से दोनों सदनों की बैठकें इसी भवन में होगी,  40 वर्ग मीटर का होगा है सांसद का दफ्तर,  लोकसभा में 888 लोगों के बैठने की जगह होगी,...